Best 10 Mirza Ghalib Shayari in Hindi with Images – मिर्ज़ा ग़ालिब शायरी

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Mirza Ghalib Shayari in Hindi

(1)

बे-वजह नहीं रोता इश्क़ में कोई ग़ालिब,
जिसे खुद से बढ़ कर चाहो वो रूलाता ज़रूर है… 😌😌😌


(2)

हम तो फना हो गए उसकी आंखे देखकर गालिब,
न जाने वो आइना कैसे देखते होंगे 😍😍😍


(3)

इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया
गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के,
हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के,
खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो,
हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के…
इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया,
वरना हम भी आदमी थे काम के…


(4)

हसरत दिल में है
सादगी पर उस के मर जाने की  हसरत दिल में है,
बस नहीं चलता की फिर खंजर काफ-ऐ-क़ातिल में है,
देखना तक़रीर के लज़्ज़त की जो उसने कहा,
मैंने यह जाना की गोया यह भी मेरे दिल में है…😘😘😘


(5)

अक़्ल वालों के मुक़द्दर में यह जूनून कहाँ ग़ालिब,
यह इश्क़ वाले हैं जो हर चीज़ लूटा देते हैं …. 💔💔💔

Ghalib Shayari DP Image and Photo

mirza ghalib shayari in hindi 2 lines

(6)

तेरी दुआओं में असर हो तो मस्जिद को हिला के दिखा,
नहीं तो दो घूँट पी और मस्जिद को हिलता देख… 🙂🙂🙂


(7)

ग़ालिब
दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई,
दोनों को एक अदा में रजामंद कर गई,
मारा ज़माने ने ‘ग़ालिब’ तुम को,
वो वलवले कहाँ , वो जवानी किधर गई… 😢😢😢


(8)

वो आये घर में  हमारे
यह जो हम हिज्र में दीवार-ओ -दर को देखते हैं,
कभी सबा को कभी नामाबर को देखते हैं,
वो आये घर में  हमारे , खुदा की कुदरत है,
कभी हम उन को कभी अपने घर को देखते हैं…
नज़र लगे न कहीं उसके दस्त-ओ -बाज़ू को,
ये लोग क्यों मेरे ज़ख्म-ऐ -जिगर को देखते हैं,
तेरे जवाहीर-ऐ- तरफ ऐ-कुलाह को क्या देखें,
हम ओज-ऐ-ताला- ऐ-लाल-ओ-गुहार को देखते हैं…


(9)

दिया है दिल अगर
दिया है दिल अगर उस को , बशर है क्या कहिये,
हुआ रक़ीब तो वो , नामाबर है , क्या कहिये,
यह ज़िद की आज न आये और आये बिन न रहे,
काजा से शिकवा हमें किस क़दर है , क्या कहिये…


(10)

दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़
फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल,
दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़ मगर याद आया,
कोई वीरानी सी वीरानी है,
दश्त को देख के घर याद आया… 🙁🙁🙁


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