Poem on Father in Hindi and पिता पर कविता to express your feelings for your Father on upcoming Father’s Day. These Kavita on Father in Hindi is the best from around the web. Earlier we posted some best Beti Bachao Poem on our site.
पिता पर कविता
Poem on Father in Hindi
कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
कभी धरती तो कभी आसमान है पिता,
अगर जन्म दिया है माँ ने,
जानेगा जिससे जग वो पहचान है पिता…
कभी कंधे पे बिठाकर मेला दिखाता है पिता,
कभी बनके घोड़ा घुमाता है पिता,
माँ अगर पैरों पे चलना सिखाती है,
तो पैरों पे खड़ा होना सिखाता है पिता…
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढ़ापा तो कभी जवानी है पिता,
माँ अगर है मासूम सी लोरी,
तो कभी ना भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता…
कभी हंसी तो कभी अनुशासन है पिता,
कभी मौन तो कभी भाषण है पिता,
माँ अगर घर में रसोई है,
तो चलता है जिससे घर वो राशन है पिता…
कभी ख़्वाब को पूरी करने की जिम्मेदारी है पिता,
कभी आंसुओं में छिपी लाचारी है पिता,
माँ अगर बेच सकती है जरुरत पे गहने,
तो जो अपने को बेच दे वो व्यापारी है पिता…
कभी हंसी और खुशी का मेला है पिता,
कभी कितना तन्हा और अकेला है पिता,
माँ तो कह देती है अपने दिल की बात,
सब कुछ समेट के आसमान सा फैला है पिता…
*** So friends, hope you like this पिता पर कविता – Poem on Father in Hindi on our site, please share your feedback below ***