Earth Day Poem in Hindi and अर्थ डे या पृथ्वी दिवस पर कविता on this upcoming World Earth Day to spread awareness about this day. This Short Poem on Earth Day will be the best to give presentation and speech in your school / college. Earlier we shared some best Shaheed Diwas Kavita on our site.
पृथ्वी दिवस पर कविता
Earth Day Poem in Hindi
धरती कह रही हैं बार बार,
सुन लो मनुष्य मेरी पुकार,
बड़े बड़े महलों को बना के,
मत डालो मुझ पर भार,
पेड़ पौधों को नष्ट करके,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार…
मैं हूं सबकी जीवन दाता,
मैं हूं सबकी भाग्य विधाता,
करने डॉ मुझे सब जीवो पर उपकार,
मत करो मेरे पहाड़ों पर विस्फ़ोटक वार,
मत उजाड़ो मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार…
सुंदर सुंदर बाग़ और बगीचे हैं मेरे,
हे मनुष्य ! ये सब काम आयेंगें तेरे,
मेरी मिट्टी में पला बड़ा तू,
तूने यहीं अपना संसार गाढ़ा हैं,
फिर से कर ले तू विचार,
मत उजाड़ मेरा संसार,
धरती की बस यही पुकार…
मैं रूठी तो जग रूठा,
अगर मेरे सब्र का बांध टूटा,
नहीं बचेंगा कोई,
मेरे साथ अगर अन्याय करोंगे,
तो न्याय कहां से पाओंगे,
कभी बाढ़ तो कभी सुखा,
और भूकंप जैसी आपदा सहते जाओंगे,
धरती की बस यहीं पुकार,
मत उजाड़ों मेरा संसार…!!
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