Police Poem in Hindi and भारतीय पुलिस पर कविता to express your feelings and thanks giving to our Police Team to fight with this situation of Coronavirus. These poems are completely dedicated to our Police Department and Indian Army to help our lives in this situations. Earlier we shared Doctor Poem in Hindi on our site.
भारतीय पुलिस पर कविता
Police Poem in Hindi
जो बेईमान है ये वर्दी उन्हे मजबूर बनाती है,
जो ईमानदार है ये वर्दी उन्हे मजबूत बनाती है,
वो खाकी वाले कहलाते हैं…
वो खाकी वाले कहलाते हैं…!!
जिनके कंधो पर भार रखा,
जन जन की अभिलाषा का,
जो धरती पर अपवाद बने,
मानव की परिभाषा का,
मानव का जो तन रखकर भी,
निज अधिकारों से वचित होते,
वो खाकी वाले कहलाते हैं…
वो खाकी वाले कहलाते हैं…!!
जो तुम्हे सुरक्षित रखने को,
खुद रात रात भर ना सोते है,
जो सब की खुशियो की खातिर,
खुद की खुशिया सुलगाते है,
वो खाकी वाले कहलाते हैं…
वो खाकी वाले कहलाते हैं…!!
Indian Police Kavita in Hindi
मुश्किलें जरुर है, मगर ठहरा नही हूं मैं,
मंज़िल से जरा कह दो, अभी पहुंचा नही हूं मैं,
कदमो को बांध न पाएंगी, मुसीबत कि जंजीरें,
रास्तों से जरा कह दो, अभी भटका नही हूं मैं,
सब्र का बांध टूटेगा, तो फ़ना कर के रख दूंगा,
दुश्मन से जरा कह दो, अभी गरजा नही हूं मैं,
दिल में छुपा के रखी है, लड़कपन कि चाहतें,
मोहब्बत से जरा कह दो, अभी बदला नही हूं मैं,
साथ चलता है, दुआओ का काफिला,
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं…
किस्मत से जरा कह दो, अभी तनहा नही हूं मैं…!!
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